जो बच्चे बचपन में जूस अधिक पीते हैं, बड़े होकर उनका खान-पान बेहतर रहता है: रिसर्च

जो बच्चे बचपन में जूस अधिक पीते हैं, बड़े होकर उनका खान-पान बेहतर रहता है: रिसर्च

सेहतराग टीम

हमारा बचपन काफी खुशनुमा और यादगार होता है। इसलिए तो सभी अपना बचपन हमेशा याद रखते हैं। उसी बचपन में हमारे कई आदत भी होते हैं जिसकी वजह से किसी को तकलीफ होती है तो किसी को अच्छा लगता है। वही आदते हमारे पूरी जिंदगी में काफी असर डालती है। अक्सर बच्चों की जो आदतें बचपन में होती हैं, वही बड़े होने पर भी रहती हैं। जो बच्चे बचपन में जूस अधिक पीते हैं, बड़े होकर उनका खान-पान बेहतर रहता है। अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता लिन मूर और उनके साथियों ने इस बात की तस्दीक अपने अध्ययन में की है।

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अध्ययन में 3-6 साल की उम्र के बच्चों के खान-पान में फलों के जूस को शामिल करके एक दशक तक यानी बचपन से किशोरावस्था तक उनके खाने-पीने के पैटर्न पर नजर रखी गई।

इस शोध में पाया गया है कि यदि बच्चे प्री-स्कूल के दिनों में फलों के जूस का लगातार ज्यादा सेवन करते हैं तो उनके अंदर किशोरावस्था से पहले ही बेहतर खान-पान की प्रवृत्ति विकसित होती है और ऐसा करने से उनका वजन भी नहीं बढ़ता है।

रिसर्च में पाया गया कि जिन बच्चों ने प्री-स्कूल के दिनों में 100 प्रतिशत फलों के जूस का सेवन किया, उनके अंदर 14-17 साल की उम्र के दौरान फल खाने की आदत ज्यादा थी।

फलों को ज्यादा मात्रा में आहार में शामिल करने के पूरे जीवन में अनगिनत फायदे हैं। जीवन के शुरुआती दिनों में जूस नहीं पीने का आपके जीवन में आगे खान-पान के व्यवहार पर बहुत असर दिखाई देता है। इस शोध ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि युवावस्था में जूस का सेवन खाने पीने की बेहतर आदत और फल खाने की प्रवृत्ति विकसित करने में मददगार साबित होता है। जूस और फलों के सेवन से बच्चों का वजन भी कंट्रोल रहता है।

अध्ययन के मुताबिक, जो बच्चे बचपन में कम जूस का सेवन करते हैं, वे किशोरावस्था में भी फलों का सेवन कम करते हैं। जिन बच्चों ने शुरुआती दिनों में ज्यादा मात्रा में फलों के जूस का सेवन किया, उनके अंदर बाद के दिनों में उच्च गुणवत्ता वाले आहार लेने की आदत अन्य बच्चों की तुलना में ज्यादा रहती है।

 

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